—ज्योतिषाचार्य डॉ. मुनिश शर्मा द्वारा

हिंदू ज्योतिष के अनुसार सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे सूर्य का राशि परिवर्तन या सूर्य गोचर कहा जाता है। अप्रैल 2025 में सूर्य का प्रवेश मेष राशि में होने जा रहा है, जिसे मेष संक्रांति भी कहा जाता है। यह गोचर न केवल नए सौर वर्ष की शुरुआत करता है, बल्कि सभी 12 राशियों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है।
सूर्य का गोचर: कब और कहां?
अप्रैल 14, 2025 को सूर्य का गोचर मीन से निकलकर मेष राशि में होगा। मेष राशि सूर्य की स्वराशि है, यानी यहां सूर्य सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। यह समय आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, और ऊर्जा से भरपूर रहेगा।
मेष राशि में सूर्य का प्रभाव
मेष राशि अग्नि तत्व की राशि है और इसके स्वामी हैं मंगल। सूर्य और मंगल दोनों ही तेजस्वी ग्रह माने जाते हैं। ऐसे में सूर्य का मेष राशि में प्रवेश एक शक्तिशाली योग बनाता है जिसे उच्च का सूर्य कहा जाता है।
यह स्थिति व्यक्ति को साहसी, निर्णय लेने में सक्षम और नेतृत्व में कुशल बनाती है। यह समय उन लोगों के लिए विशेष शुभ रहेगा जो प्रशासन, राजनीति, सेना, और नेतृत्व से जुड़े क्षेत्रों में हैं।
सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि: आत्मबल बढ़ेगा, नए कार्यों की शुरुआत का उत्तम समय। करियर में उन्नति के संकेत।
वृषभ राशि: खर्चों में वृद्धि हो सकती है, ध्यान और आध्यात्म की ओर रुझान बढ़ेगा।
मिथुन राशि: मित्रों और सामाजिक दायरे से लाभ होगा, नेटवर्किंग का अच्छा समय।
कर्क राशि: कार्यस्थल पर मान-सम्मान मिलेगा, प्रमोशन या नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
सिंह राशि: भाग्य का साथ मिलेगा, यात्रा और उच्च शिक्षा से लाभ संभव।
कन्या राशि: अचानक लाभ या हानि के योग, सतर्क रहना आवश्यक।
तुला राशि: वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव, संयम और संवाद जरूरी।
वृश्चिक राशि: स्वास्थ्य में सुधार, कार्यक्षमता में वृद्धि।
धनु राशि: प्रेम संबंधों में मजबूती, रचनात्मकता में वृद्धि।
मकर राशि: पारिवारिक जीवन में सामंजस्य, प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में लाभ।
कुंभ राशि: छोटे यात्राओं के योग, भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा।
मीन राशि: आर्थिक दृष्टि से शुभ समय, पर खर्चों पर नियंत्रण जरूरी।
निष्कर्ष
सूर्य का मेष राशि में गोचर आत्मविश्वास, ऊर्जा और नये आरंभ का संकेत देता है। यह समय साहसिक निर्णय लेने और अपने जीवन को नई दिशा देने के लिए उत्तम है। हालांकि, प्रत्येक जातक पर इसका प्रभाव उनकी व्यक्तिगत कुंडली पर निर्भर करता है।
यदि आप जानना चाहते हैं कि यह गोचर आपके जीवन में क्या बदलाव लाएगा, तो अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण अवश्य करवाएं।
– ज्योतिषाचार्य डॉ. मुनिश शर्मा