आपकी राशि पर शनि की मार्गी चाल का असर
29 सितंबर 2020 से शनि की चाल सीधी हो गई है। विभिन्न राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव देखने को मिल सकता है। मेष – कामकाजी जीवन में तेजी की उम्मीद इस समय कर सकते हैं। भाग्य का भी आपको पूरा साथ मिलेगा। दरअसल कर्मफलदाता शनि आपकी राशि से भाग्य स्थान में वक्री से
ग्रहों से जुड़े दान और उपहार देने के संबंध में लाल किताब के जरुरी दिशानिर्देश
यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह उच्च का है अथवा सही जगह पर है तो उस ग्रह के कारक वस्तुओं को दान अथवा उपहार में नहीं देना चाहिए। दूसरी ओर इन ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का उपहार लेना शुभ माना जाता है। कुंडली में ग्रह यदि निम्न का है अथवा गलत स्थान पर है तो
कुंडली के किस भाव से क्या देखते हैं, जानिए
ज्योतिष और लालकिताब के अनुसार कुंडली के बारह भावों को क्या कहते हैं और इन भावों से क्या क्या देखा जाता है। जानिए संक्षिप्त में। 1. प्रथम भाव को लग्न स्थान कहते हैं जिससे व्यक्तित्व, रूप, रंग, आत्म विश्वास, अभिमान, यश-अपयश, सुख-दुख देखा जाता है। परंतु लाल किताब के अंतर्गत मनुष्य का चरित्र, खुद की
सोई हुई किस्मत जगाने का समय – अधिक मास की एकादशी पर कराएं 10 महादान
अधिक मास की एकादशी पर जरुरी है यह दान :- • घी : सुख एवं सम्पन्नता के लिए• कपूर : घर में शांति के लिए• केसर : नकारात्मकता को दूर करने के लिए• कच्चे चने : व्यापार या नौकरी में उन्नति के लिए• गुड़ : धन आगमन के लिए• तुवर दाल : वैवाहिक अड़चने दूर करने के लिए• माल पुआ : निर्धनता के निवारण