मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह की अमावस्या तिथि है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। मौनी अमावस्या का पर्व मुख्य रूप से साधना, ध्यान, और मौन रखने के साथ जुड़ा हुआ है, और इसे आत्मसाक्षात्कार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व है। यह दिन विशेष रूप से ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार, इस दिन मौन रहने से व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। साथ ही, यह दिन सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति के कारण शुभ प्रभाव उत्पन्न करता है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
मौनी अमावस्या और कुंभ मेला
मौनी अमावस्या का पर्व कुंभ मेला के समय और संगम के पास विशेष रूप से मनाया जाता है। हर छह वर्षों में यह अवसर आता है, जब लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान करने आते हैं। इस दिन, पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आत्मा को शांति मिलती है।
कैसे करें साधना?
1. मौन व्रत: इस दिन मौन रखना आवश्यक माना जाता है। मौन रहते हुए ध्यान लगाना और अपनी आत्मा से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए।
2. गंगा स्नान: यदि संभव हो तो गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक लाभकारी होता है। यह शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है।
3. ध्यान और साधना: इस दिन ध्यान, योग और प्राणायाम का अभ्यास करने से मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्राप्त होता है।
4. पवित्र मंत्रों का जाप: इस दिन विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ गंगायै नमः” जैसे मंत्रों का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
आध्यात्मिक लाभ
मौनी अमावस्या पर ध्यान और साधना करने से व्यक्ति की मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस दिन के आयोजन से व्यक्ति अपने जीवन के कष्टों को दूर कर सकता है और आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हो सकता है। यह दिन जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बहुत उपयुक्त होता है।
समाप्ति
मौनी अमावस्या का दिन हमें जीवन की शांति, संतुलन और आंतरिक स्वच्छता की ओर मार्गदर्शन करता है। यदि हम इस दिन को सही तरीके से मनाते हैं, तो यह हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आंतरिक खुशी ला सकता है। इस दिन के महत्व को समझते हुए हमें अपने जीवन में समय-समय पर साधना और ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।
आप सभी को मौनी अमावस्या की ढेर सारी शुभकामनाएं!
डॉ. मुनिश शर्मा
(ज्योतिषी एवं आध्यात्मिक मार्गदर्शक)